एसजीआरआरयू दीक्षारंभ: शिक्षार्थ आइए सेवार्थ जाइए  श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन  हज़ारों नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ने बढ़ाई कार्यक्रम की शोभा

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एसजीआरआरयू दीक्षारंभ: शिक्षार्थ आइए सेवार्थ जाइए

 श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन

 हज़ारों नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ने बढ़ाई कार्यक्रम की शोभा

देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए दीक्षारंभ-2024 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दीक्षारंभ कार्यक्रम में हजारों छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों, फैकल्टी सदस्यों व अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया। दीक्षारंभ-2024 में सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। दीक्षारंभ-2024 में उपस्थित विद्धवतजनों ने कहा कि शिक्षार्थ आइए सेवार्थ जाइए के सूत्र वाक्य को सभी छात्र-छात्राएं आत्मसात करें और शिक्षा ग्रहण कर देश सेवा में शिक्षा का सदुपयोग करें।

मंगलवार को विश्वविद्यालय के एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डाॅ. यशबीर दीवान, कुलसचिव डॉ अजय कुमार खण्डूड़ी एवम् दीक्षारंभ कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर डॉ कुमुद सकलानी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं को दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं को संयमित जीवन जीने और कौशल विकास के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डाॅ. यशबीर दीवान ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा यात्रा स्कूली शिक्षा सीखने से बिल्कुल अलग है। छात्रों को पढ़ाई के प्रति खुद को गंभीर बनाना होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विशेष रूप से कक्षाओं में अध्ययन के प्रति छात्र-छात्राओं को बेहतर अनुशासन का परिचय देना होगा। विश्वविद्यालय में शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ाई करना नहीं है, बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तैयार रहना है। विश्वविद्यालय में शिक्षा के अलावा, छात्र सीखते हैं कि समाज, नौकरी, व्यवसाय और जीवन में कैसे सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जाए। छात्रों को काम में परिपक्वता लाना, कक्षा में शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करना और पढ़ाई करना उनका उद्देश्य होना चाहिए।

कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूरी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को कठिनाई से लड़ते हुए अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना होगा। कठिन परिश्रम करते हुए अपने अध्यापकों के सहयोग से अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी है। उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों को विश्वविद्यालय के लिए राॅल माॅडल बनने और विश्वविद्यालय का सुनहरा भविष्य बनने की प्रेरणा दी। साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों से कहा कि वह छात्रों के अभिभावकों की तरह मागदर्शन प्रदान करें। इसलिए उन्हें विश्वविद्यालय में समय-समय पर आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों, कार्यक्रमों, खेल प्रतियोगिताओं की जानकारी देने के साथ ही प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए। उन्होंने छात्रों से खेल प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने को प्रेरित किया।

विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ आर पी सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी छात्र अपने को कम ना समझे। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक और कार्यक्रम की मुख्य संयोजक प्रो. डॉ कुमुद सकलानी ने नए छात्र-छात्राओं को नई शिक्षा नीति 2020 के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. डाॅ संजय शर्मा पोखरियाल ने छात्रों को विश्वविद्यालय में परीक्षा से संबंधित सभी जानकारी दी।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर एवम् प्रवक्ता मनोज तिवारी ने छात्रों को अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने गुरुजनों का पूरा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने छात्रों में समीक्षात्मक ज्ञान को विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपना मूल्यांकन समय समय पर करते रहना चाहिए तथा अपने उद्देश्यों से कभी भटकना नहीं चाहिए।

मेडिकल और हेल्थ साइंसेज के मनोचिकित्सक डॉ शोभित गर्ग ने उपस्थित नए छात्र-छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने छात्रों को से नो टू ड्रग्स का नारा देते हुए किसी भी प्रकार का नशा न करने की सलाह दी।

इस अवसर पर सीनियर छात्रों द्वारा योग पर आधारित नृत्य कार्यक्रम, नृत्य नाटिका और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। दीक्षारंभ कार्यक्रम का संचालन डॉ श्रेया कोटनाला द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में संयोजक प्रोफेसर डॉ कुमुद सकलानी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर आइक्यूएसी की निदेशक प्रोफेसर सुमन बिज, डीन रिसर्च प्रोफेसर लोकेश गंभीर, प्रो. मालविका कांडपाल, प्रो. कंचन जोशी, प्रो. बलबीर कौर, प्रदीप सेमवाल, डाॅ कनिका रावत, डाॅ निशा ध्यानी सहित विश्वविद्यालय के समस्त स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण समेत हज़ारों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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