*21 करोड़ से बदलेगी सूबे के आंगनबाडी केन्द्रों की सूरत* *2165 केन्द्रों को मिलेगा फर्नीचर्स और आउटडोर प्ले मैटिरियल*
*21 करोड़ से बदलेगी सूबे के आंगनबाडी केन्द्रों की सूरत*
*2165 केन्द्रों को मिलेगा फर्नीचर्स और आउटडोर प्ले मैटिरियल*
*प्रत्येक आंगनबाडी पर खर्च होगी एक-एक लाख की धनराशि*
देहरादून,
प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में आईसीडीएस द्वारा संचालित 2165 आंगनबाडी केन्द्रों में भौतिक संसाधन जुटाये जायेंगे। इसके लिये भारत सरकार ने समग्र शिक्षा के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 21 करोड 43 लाख की धनराशि जारी की है। इन आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों के लिये चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर, बाला फीचर्स एवं आउटडोर प्ले मैटिरियल खरीदा जायेगा। इसके लिये प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र को एक-एक लाख की धनराशि दी गई है।
उत्तराखंड सरकार ने प्री-प्राइमरी स्तर पर बच्चों की बुनियाद को मजबूत करने के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। सरकार ने नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत आंगनबाडी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के दृष्टिगत भारत सरकार को कार्ययोजना भेजी थी। जिसके क्रम में केन्द्र सरकार ने राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में आईसीडीएस द्वारा संचालित 2165 आंगनबाडी केन्द्रों में चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर्स, बाला फीचर्स और आउटडोर प्ले मैटिरियल की खरीद के लिये 21 करोड़ 43 लाख की धनराशि जारी की है। जिससे इन आंगनबाडी केन्द्रों की शक्ल व सूरत संवारी जायेगी। ताकि यहां आने वाले नौनिहाल खेल-खेल में अपना शारीरिक व मानसिक विकास को बढ़ा सके। जिसके तहत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित सभी 2165 आंगनबाडी केन्द्रों को तीनों मदों में करीब एक-एक लाख की धनराशि आवंटित कर दी गई है। इस योजना के अंतर्गत सूबे के जिन आंगनबाडी केन्द्रों का चयन किया गया है उनमें अल्मोड़ा जनपद के 167, बागेश्वर 170, चमोली 153, चम्पावत 156, देहरादून 119, हरिद्वार 58, नैनीताल 224, पौड़ी 102, पिथौरागढ़ 356, रूद्रप्रयाग 138, टिहरी 281, ऊधमसिंह नगर 192 तथा उत्तरकाशी 49 आंगनबाडी केन्द्र शामिल हें।
*बयान*
राज्य सरकार की मंशा सूबे के नौनिहालों को प्री-प्राइमरी स्तर पर शारीरिक व मानसिक रूप से परिपक्व बनाने के लिये मजबूत ढांचा तैयार करना है। जिसके तहत सूबे के सभी आंगनबाडी केन्द्रों को आधुनिकतम सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसके लिये प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र को एक-एक लाख की धनराशि दी गई है। -*डा. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड